पत्थर

पत्थर को अपनी ठोकर से न हटा
पत्थर को अपनी ताक़त तो बना।
पत्थर सदा चोट ही नहीं करते हैं,
पत्थर बंधु बन सहाय भी होते हैं।
पत्थर ठोकर का सबब शत्रु नहीं
मील का पत्थर बन रास्ता बताते।
तू मील का पत्थर का सबब बन
भूले राही का सहाय बन राह दिखा।
पत्थरों पर एक बार चलकर देख
कठिनाइयों को पार करना सिखाते।
अरुणा कालिया


टिप्पणियाँ

  1. बेहतरीन
    जीवन का सार बताती पंक्तिया

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  2. लेखिका ने जीवन की सच्चाई ब्या की है |
    उत्कृष्ट रचना |

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  3. रचना जीवन की हकीकत दर्शाती है |
    उत्कृष्ट |
    अधीश्वर अधपकी लेखनी काे ताकत दे|

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