दोस्ती
दोस्ती किताबों में लिखी कहानी नहीं दोस्ती किसी नाटक का किरदार नहीं दोस्ती एक सच्चाई है,हमारा अक्स है। दोस्ती अनमोल है खुदा की नियामत है खुदा की दी हुई अनमोल इबादत है। बहुत से बदनसीब हैं दुनिया में ऐसे जिन्हें दोस्त की दोस्ती नसीब नहीं खुदा की इबादत जिन्हें नसीब नहीं हम भी उन्हीं बदनसीबों में से हैं जिन्हें खुदा की ऐसी नियामत नसीब नहीं। हमारा भी दोस्त कोई,हमराज़ नहीं। यदि आपका कोई दोस्त है,हमराज़ है नाराज़ न करना,रूठकर जाने न देना। अरुणा कालिया