बेरुख़ी लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप - सितंबर 19, 2020 उनकी बेरुख़ी पर अब तो होंठ भी सी लिए हमने, आँखों में रुसवाई जो देखी बरसना बंद कर दिया हमने। एक आह सी सुलगती है अब भी दिल ही दिल में, सिसकने की आवाज़ को भी बाहर लाना बंद कर दिया हमने। अरुणा कालिया और पढ़ें