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कथानक

सच्चे और समझदार में  तथा  सच्चे और बेवक़ूफ़ मेंं  कम अंतर है। सच्चाई में समझदारी  मिल जाए तो  कथानक में निखार आ जाता है सच्चाई में बेवक़ूफ़ी  मिल जाए तो  कथानक धड़ाम से भूमि पर  आ जाता है। अरुणा कालिया