कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई और कृष्ण से उलाहना
जागो मोहन प्यारे जागो अब तो निद्रा त्यागो। बड़ी देर भई,नंद लाला तेरी राह तके हर बाला अन्जान नहीं तुम धरती लोक से, अदृश्य नहीं है कुछ भी तुमसे फिर क्यों हो लाचार, यशोदा के नंदलाल। वचन दिया था अविलम्ब आओगे जब-जब होगा निर्दोष पर अत्याचार। अब तो जागो मोहन प्यारे, अब तो निद्रा त्यागो। माखनचोर नन्दकिशोर कितना और सताओगे इस युग में हमसे दूर कब तक और रह पाओगे। द्रौपदी की पुकार में दौड़े चले आए थे। आज की नारी की पुकार नहीं पहुँचती है तुम तक राज़ कब तक न बतलाओगे माखनचोर नंदकिशोर कितना और सताओगे