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नये सिरे से धरातल रचते हैं। लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बीती बातें बिसार दे

चल छोड़ न यार पिछली बातों को, अब आगे बढ़ते हैं बीती बातें बिसार कर, कुछ नये अरमान गढ़ते हैं। जो हुआ सो हुआ,गलती न दोहरा, दोस्ती फ़िर से करते हैं नये जोश से नये अरमान से, एक नया इतिहास रचते हैं। कृष्ण-सा सारथी बन, सुदामा की सी दोस्ती करते हैं। शुरू से शुरू करके, चल ,दोस्ती की मिसाल बनते हैं। पिछली बातों को दोहराकर क्या किसी ने सुख पाया है, बिसरा दें पिछली बातों को, नये सिरे से धरातल रचते हैं। अरुणा कालिया