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बिखरे हुए लम्हे

बिखरे हुए लम्हों को  समेट तो लो एक बार, लम्हों की मिठास मन में  बसा तो लो एक बार, उनकी ऊर्जा की बारिश  होने तो दो एक बार, ऊर्जा की तदबीर लबरेज  होने तो दो एक बार। बन रही तस्वीर लम्हों की,  देख तो लो एक बार, समेटे लम्हों से बनी तस्वीर  में प्यार भरो एक बार, फ़िर देखो ज़िंदगी  तुम्हारे प्यार के गीत गा रही है। लबों पर तुम्हारे प्रेम के  तराने सजा रही है।। अरुणा कालिया