पुष्प संवार लेते हैं
पुष्प सजा लेते हैं धरती को अपने भिन्न भिन्न रंगों से मानव के मन पर उतर कर अपने रंग में रंग लेते हैं। पुष्प संवार लेते हैं धरती को अपने रंग बिरंगे भावों से मानव के मन पर उतर अनेक भावों में भर देते हैं। पुष्प महका देते हैं धरती को अपने भिन्न भिन्न इत्रों से मानव के मन पर उतर अनेक खुशबुओं से भर देते हैं। अरुणा कालिया