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सौंदर्य

सौंदर्य का खज़ाना हो लुटेरों को आमंत्रण न दिया करो। तुम्हारे सौंदर्य से स्वर्ग का इंद्र भी रश्क़ करता है। भूखों से बचो, भोली बनकर नहीं शेरनी सी दहाड़ा करो। तुम्हारा सौंदर्य तुम्हारी सौम्यता है नग्नता नहींं। भक्षकों से बचो, ग्रास बनकर नहीं लक्ष्मीबाई-सी खूंखार बनो। ओछी पोशाक में आधुनिकता नहीं कामुकता भड़कती है। भड़की कामुकता से गरीब बच्चियों को शिकार होने से बचा लो। हे भारतीय नारी तुम मां हो, बेटों को शिक्षित करो सम्मान पहला सबक हो नारी का ऐसा तुम सृजन करो। अरुणा कालिया