मेघ आए, पाठ योजना
कक्षा – नवमीं,पाठ योजना
पुस्तक – क्षितिज (भाग-1)
विषय-वस्तु – कविता
प्रकरण – ‘ मेघ आए
शिक्षण- उद्देश्य :-
ज्ञानात्मक-पहलू
कविता का रसास्वादन करना।
कविता की विशेषताओं की सूची बनाना।
कविता की विषयवस्तु को पूर्व में सुनी या पढ़ी हुई कविता से संबद्ध करना।
अलंकारों के प्रयोग के बारे में जानकारी देना।
नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।
साहित्य के पद्य–विधा (कविता) की जानकारी देना।
छात्रों को कवि एवं उनके साहित्यिक जीवन के बारे में जानकारी देना
प्राकृतिक सौंदर्य तथा जीव-जंतुओं के ममत्व, मानवीय राग और प्रेमभाव से परिचित कराना।
कौशलात्मक-पहलूू
स्वयं कविता लिखने की योग्यता का विकास करना।
प्रकृति से संबंधित कविताओं की तुलना अन्य कविताओं से करना।
मेहमानों की तुलना बादलों से करना।
बोधात्मक-पहलू
प्राकृतिक सौंदर्य एवं जीव-जगत के व्यवहार पर प्रकाश डालना।
रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।
कविता में वर्णित भावों को हॄदयंगम करना।
प्रकृति तथा जीव-जंतुओं के प्रति आसक्ति –भाव जागृत करना।
प्रयोगात्मक-पहलूू
कविता के भाव को अपने दैनिक जीवन के व्यवहार के संदर्भ में जोड़कर देखना।
इस कविता की तुलना अन्य कवियों की रचनाओं से करना|
कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखना।
सहायक शिक्षण– सामग्री:-
चाक , डस्टर आदि।
पावर प्वाइंट के द्वारा पाठ की प्रस्तुति।
पूर्व ज्ञान:-
कविता - रचना के बारे में ज्ञान है।
अलंकार का प्रारंभिक ज्ञान है।
प्रकृति के विभिन्न उपादानों की महत्ता से अवगत हैं।
साहित्यिक-लेख की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
सामाजिक व्यवहार से वाक़िफ़ हैं।
ग्रामीण जीवन से परिचित हैं।
मानवीय स्वभाव एवं जीव-जंतुओं के व्यवहार की जानकारी है।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
बच्चो! क्या आपने प्रकृति से संबंधित कविता पढ़ी है?
क्या आपने ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना’ की कोई रचना पढ़ी है?
मेहमानों के प्रति आप अपना व्यवहार किस तरह प्रकट करते हैं?
बादलों का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम कवि ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना’ के द्वारा रचित प्रकृति से संबंधित कविता‘ मेघ आए’ का अध्ययन करेंगे।
पाठ की इकाइयाँ
प्रथम अन्विति(मेहमान रूपी मेघों के आने की सूचना।
हवाओं का बहना।
दरवाजे-खिड़कियाँ खुलना।
पेड़ों का झुकना तथा धूल का उड़ना।
द्वितीय अन्विति :- (मेहमान का घर आना अर्थात मेघों का बरसना)
मुखिया रूपी बरगद का आदर-सत्कार करना।
घर के सदस्यों का उतावलापन।
मेहमान से संबंधित सभी भ्रम दूर होना।
बिजली एवं गरज के साथ बादलों का बरसना।
शिक्षण विधि :
अध्यापन - क्रिया
1.कविता का केन्द्रीय भाव:-संकलित कविता में कवि ने मेघों के आने की तुलना सजकर आए प्रवासी अतिथि (दामाद) से की है। ग्रामीण संस्कॄति में दामाद के आने पर उल्लास का जो वातावरण बनता है, मेघों के आने का सजीव वर्णन करते हुए कवि ने उसी उल्लास को दिखाया है। कवि कहता है कि लम्बे अरसे के इंतज़ार के बाद जब मेघ रूपी मेहमान आता है तो चारों – ओर खुशी का माहौल छा जाता है। हवा उड़ने लगती है मानो वह मेहमान के आने का संदेश देने के लिए भाग रही हो। लोग उत्सुकतावश दरवाजे-खिड़कियों से झाँकने लगते हैं। पेड़ रूपी गाँव के युवक गरदन उचकाए देखने लगते हैं और अल्हड जवान लड़्कियाँ घूँघट सरकाके तिरछी नज़रों से देखते हैं। बूढ़ा पीपल झुक जाता है अर्थात वह मेहमान की आवभगत करता है। उअसकी पत्नी उलाहने भरे स्वर में कहती है कि बहुत दिनों बाद उसकी याद आई जो चले आए। घर का सदस्य पानी का लोटा रख जाता है। अब क्षितिज पर बादल गहरे होते दिखाई दे रहे हैं । अब बारिश न होने का भ्रम टूट चुका है। बहुत दिनों के बिछुड़े पति-पत्नी के मिलन से खुशी के आँसू निकलने लगते हैं अर्थात प्रबल वेग के साथ बारिश होने लगती है। चारों-ओर उल्लास का वातावरण छा जाता है।
छात्र - क्रिया
कविता को ध्यानपूर्वक पढ़ना और सुनना तथा समझने का प्रयत्न करना। साथ ही अपनी शंकाओं तथा जिज्ञासाओं का निराकरण करना।2.कवि-परिचय :-
‘ सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ’ ( 1927-1983) एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं जिन्होंने साहित्य की गद्य एवं पद्य दोनों विधाओं में अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। वे ‘ दिनमान ’ के उपसंपादक एवं चर्चित बाल पत्रिका ‘ पराग ’ के संपादक थे। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनके काव्य में ग्रामीण संवेदना के साथ शहरी मध्यवर्गीय जीवनबोध भी व्यक्त हुआ है। नई कविता के प्रमुख कवि सर्वेश्वर जी ने उपन्यास, नाटक, कहानी, निबंध एवं प्रचुर मात्रा में बाल साहित्य भी लिखा है। काठ की घंटियाँ, बाँस का पुल, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, कुआनो नदी, जंगल का दर्द, खूटियों पर टँगे लोग उनके प्रमुख कविता संग्रह हैं।
कवि के बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यास –पुस्तिका में लिखना। 3.शिक्षक के द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना| उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यान से सुनना। 4.कविता के पदों की व्याख्या करना। कविता को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए कविता को ध्यान से सुनना। कविता से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना। 5. कठिन शब्दों के अर्थ :- बाँकी चितवन – तिरछी नज़र दामिनी दमकी – बिजली चमकी जुहार करना – आदर के साथ झुककर नमस्ते करना क्षितिज अटारी गहराई – क्षितिज पर बादल छा गए छात्रों द्वारा शब्दों के अर्थ अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। 6.छात्र-क्रिया :- छात्रों द्वारा पठित पदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना। 7. छात्रों द्वारा पठन। कविता में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना। 8. मुहावरों का वाक्य-प्रयोग मानवीकरण एवं उत्प्रेक्षा अलंकार व्याकरण के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। 9. गृह – कार्य :- कविता का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर में पाठ करना। पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना। 9.कविता का केन्द्रीय भाव :-संक्षेप में लिखना। पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना। 10.परियोजना कार्य :- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं का संग्रह करना। प्रकॄति या मानवीय राग और अनुराग से संबंधित एक कविता लिखना। सुमित्रानंदन पंत , निराला , केदारनाथ सिंह की बादल पर लिखी कविताओं का संग्रह कीजिए। 11.मूल्यांकन:- निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :- पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न— निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं – धूल, पेड़,नदी, लता ताल। मेघ रूपी मेहमान के आने पर वातावरण में क्या परिवर्तन हुए? मेघों के लिए ‘बन-ठन,सँवर के’ आने की बात क्यों कही गई है? कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकारों के उदाहरण ढूँढकर लिखिए। लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों? कविता में जिन रीति-रिवाज़ों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए। इकाई परीक्षाएँ गृह – कार्य परियोजना - कार्य अरुणा कालिया, (हिंदी विभाग, कक्षा -नवीं ) विषय- अध्यापिका के हस्ताक्षर
कवि के बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यास –पुस्तिका में लिखना। 3.शिक्षक के द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना| उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यान से सुनना। 4.कविता के पदों की व्याख्या करना। कविता को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए कविता को ध्यान से सुनना। कविता से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना। 5. कठिन शब्दों के अर्थ :- बाँकी चितवन – तिरछी नज़र दामिनी दमकी – बिजली चमकी जुहार करना – आदर के साथ झुककर नमस्ते करना क्षितिज अटारी गहराई – क्षितिज पर बादल छा गए छात्रों द्वारा शब्दों के अर्थ अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। 6.छात्र-क्रिया :- छात्रों द्वारा पठित पदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना। 7. छात्रों द्वारा पठन। कविता में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना। 8. मुहावरों का वाक्य-प्रयोग मानवीकरण एवं उत्प्रेक्षा अलंकार व्याकरण के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। 9. गृह – कार्य :- कविता का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर में पाठ करना। पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना। 9.कविता का केन्द्रीय भाव :-संक्षेप में लिखना। पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना। 10.परियोजना कार्य :- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं का संग्रह करना। प्रकॄति या मानवीय राग और अनुराग से संबंधित एक कविता लिखना। सुमित्रानंदन पंत , निराला , केदारनाथ सिंह की बादल पर लिखी कविताओं का संग्रह कीजिए। 11.मूल्यांकन:- निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :- पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न— निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं – धूल, पेड़,नदी, लता ताल। मेघ रूपी मेहमान के आने पर वातावरण में क्या परिवर्तन हुए? मेघों के लिए ‘बन-ठन,सँवर के’ आने की बात क्यों कही गई है? कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकारों के उदाहरण ढूँढकर लिखिए। लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों? कविता में जिन रीति-रिवाज़ों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए। इकाई परीक्षाएँ गृह – कार्य परियोजना - कार्य अरुणा कालिया, (हिंदी विभाग, कक्षा -नवीं ) विषय- अध्यापिका के हस्ताक्षर
धन्यवाद
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