पत्थर
पत्थर को अपनी ठोकर से न हटा
पत्थर को अपनी ताक़त तो बना।
पत्थर सदा चोट ही नहीं करते हैं,
पत्थर बंधु बन सहाय भी होते हैं।
पत्थर ठोकर का सबब शत्रु नहीं
मील का पत्थर बन रास्ता बताते।
तू मील का पत्थर का सबब बन
भूले राही का सहाय बन राह दिखा।
पत्थरों पर एक बार चलकर देख
कठिनाइयों को पार करना सिखाते।
अरुणा कालिया
Extremely deep and inspiring perspective.
जवाब देंहटाएंवाह रे पत्थर🙏
जवाब देंहटाएंवाह रे पत्थर🙏
जवाब देंहटाएंThanks Mandakini Kalia
जवाब देंहटाएंThanks Reeta Guglani
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंजीवन का सार बताती पंक्तिया
Thanks a lot
जवाब देंहटाएंThanks a lot
जवाब देंहटाएंBeautifully penned and inspirational also
जवाब देंहटाएंThanks Pinky
जवाब देंहटाएंलेखिका ने जीवन की सच्चाई ब्या की है |
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट रचना |
रचना जीवन की हकीकत दर्शाती है |
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट |
अधीश्वर अधपकी लेखनी काे ताकत दे|