तू ज़िंदा है

ऐ ज़िन्दगी तू जश्र मना
देख तू ज़िंदा है यह क्या कम है,
खुशियाँ मना
ज़िंदगी के दिये ग़मों को
मात दे दे,
ज़िंदगी की नाक में दम कर दे
तू ज़िंदा है यह क्या कम है।
हर दुविधा को
दिमाग़ से हल कर दिमाग़ लगा
मार्ग चुन
दुविधा को मात दे दे
अपनी राह चल।
तू ज़िंदा है यह क्या कम है।
अरुणा कालिया

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