रोशनी का आह्वान

सूरज तो सूरज है
रोशनी फैलाता हरदम
प्रथम आह्वान करो, तुम।
संसार नहाता प्रतिदिन
रोशनी से भर लबालब,
अज्ञानता दूर करो, तुम।
रोशन कर लो अपना जहां
मन का सूरज जगा लो।
ज्ञान-प्रकाश मुखरित कर लो
प्रथम अंतर्ज्ञान जगा लो, तुम।
अरुणा कालिया

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