दूरी

आसमान से धरती की दूरी
घटती नहीं।
धरती की पहुंच आसमां तक
पहुंचती रहे ।
असीम आसमां फैला बुला रहा
उड़ने के लिए।
पांव को धरती का आसरा मिला रहे
रहने के लिए
धरा-आसमा में दूरी बनी रहे फ़िर से
उड़ान के लिए।
अरुणा कालिया

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