मेरे अपने

अपनों से ही चाहत 
अपनों की ख़्वाहिश 
अपनों के बीच रहकर
अपनों के साथ जीना
ही है अब मेरी ख़्वाहिश ।
अपनों के दिलों में
थोड़ी जगह अपने लिए
पाने की है ख्वाहिश।
धन ऐश्वर्य सब के बदले
थोड़ा सा अपनापन पाने
की ख़्वाहिश ही अब
बन गया है लक्ष्य।।
अरुणा कालिया 

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