जिस मन में श्री राम बसे उस मन में बैर नहीं जग सारा मित्र समान शत्रु शत्रुता छोड़ जाहीं। राम नाम में आठ सिद्धि नव निधि छिपी जान सके तो जान राम नाम लगन लगी। राम भक्त हनुमान हैं जाके हृदय राम सोई जग वैरी न होई जाके सिर पे राम। राम नाम सदा सुखदाई राम भक्त कहां दुखपाई। सुख-दुख एक समाना ज्ञानी होए सोई जान पाई। राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट अंत काल पछताएगा प्राण जाएंगे छूट। सिया राम का विश्वास मन मजबूत करें निर्बल के सहाय बन सबल समूल बनें। राम नाम की ताक़त बड़ी निराली जिसने जानी वही है अद्भुत ज्ञानी। रामलला ठुमक-ठुमक चलैं,गिरत-उठत जात ह्वै। मात पिता देख देख मन हरषै,वारी वारी जात ह्वै। राम नाम का बाण जिसके पास है जगत विजेता बन जग का आधार है। मन का मंदिर है तुम्हारे पास राम बसे हैं मन मंदिर में खास। राम की महिमा अपरम्पार है, राम नाम जिह्वा पर उसका बेड़ा पार है,उसपर राम की कृपा अपार है। अरुणा कालिया