चाँद का धरातल
तिथि -31.03.2020
सरोवर - पंपा सरोवर
क्रमाँक - 61
टीम का नाम - तीसरी आँख
टीम के सदस्य -1.अरुणा कालिया
2.निखिल कुमार
3. विजय लक्ष्मी राय
आयोजन - पंचम दिवस
विषय - हँस_गाँव की हँसौली
शीर्षक - चाँद का धरातल
(1)
चंदा की बिंदिया सजाए,
सितारों जड़ी साड़ी पहने
आकाश गंगा में तैरती मछली
धरती को निहारे, धरातल को तरसे |
(2)
शेर चीता अपने पंखों से
नभ में विचरण करते,
दाना चुगते, अठखेली करते ,
साँझ होते अपने घोंसले में लौट आते |
(3)
चाँद के धरातल पर रहते मानव
चाँद से पृथ्वी ग्रह को देखें |
पृथ्वी के जीव एलियन कहावें
कल्पना में आकार बनावें |
(4)
नभ सागर में अनेक जीव,
तैरते-उभरते इठलाते गाते गीत |
रात्रि में पृथ्वी को निहार- निहार
बच्चों को सुनाते कथा की रीत |
(5)
चाँद के वैज्ञानिक अनुसंधान में लगे
पृथ्वी-जलवायु-खोज अभियान में लगे
रॉकेट में आते पृथ्वी का चक्कर लगाते ,
धरातल के गुरुत्वाकर्षण से घबराते |
(6)
एक दिन आखिर खोज लिया
वैज्ञानिक ने यह जान लिया |
पृथ्वी पर भी चिह्न मिले
जल है घास है, प्रमाण मिले |
(7)
चाँद पर खुशी की लहर उठी
खोज-अनुसंधान में होड़ मची |
भिन्न-भिन्न देश के वैज्ञानिक
लाने लगे लैब-कार्य में गति |
(8)
नासा ने भेजा अपना रॉकेट
भारत भी चाहे जीत का लॉकेट |
तेज हुआ अनुसंधान सभी का
पूरा हो अब अभियान सभी का |
घोषणा
यह रचना पूर्णतः स्वयं रचित है , अप्रकाशित है ,
मैंने fb पर भी कहीं पोस्ट नही की है |
मैं इसके प्रकाशन हेतु काव्याँचल को स्वीकृति प्रदान करती हूँ|
अरुणा कालिया
फरीदाबाद
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