प्रसिद्ध धार्मिक-पुस्तकें पढ़नी ही चाहिए- (लेख )
प्रसिद्ध धार्मिक-पुस्तकें पढ़नी ही चाहिए- (लेख ) पुस्तकें हमारी विवेक शक्ति को जहाँ बढ़ाती हैं वहीं जीने का सलीका भी सिखाती हैं।पुस्तकें एक ओर हमारी मित्र हैं तो दूसरी ओर हमारी मार्ग-दर्शिका भी हैं। अच्छा साहित्य हमेशा हमारे ज्ञान को बढ़ाता ही नहीं, और ज्ञान बढ़ाने की जिज्ञासा को निरंतर बनाए रखता है। धार्मिक-पुस्तकें पुरातन से आधुनिकता की ओर ले जाने में पुल का कार्य करती हैं। धार्मिक पुस्तकें हमारी आस्था को मजबूती देने का कार्य तो करती ही हैं ,हमें हमारी संस्कृति से भी जोड़ती हैं , जो संस्कृति हमें हमारे पूर्वजों से मिली है,उस धरोहर को बचाने और सहेज कर रखने का कार्य पुस्तकों के माध्यम से ही किया जा सकता है। लिखित साहित्य ही हमें हमारे प्रारब्ध से जोड़ता है। मानव मात्र ही है जो अपने मूल तक पहुंचने के लिए पुस्तकों का सहारा लेता है, और पूर्वजों से मिली संस्कृति को सहेज कर अगली पीढ़ी तक ले जाता है। भले ही आज ई-पुस्तकों का दौर है ,काग़ज की पुस्तकें हों अथवा ई-पुस्तकें हों, हमारे प्रारब्ध की विस्तृत जानकारी पुस्तकों से ही हमारे वर्तमान तक पहुंची है। मानव-धर्...