ओरे मोरे मन
ओरे मोरे मन , राधिका रमण।
निसदिन प्रभुगुन गाएजा
छिन छिन नेह बढ़ाए जा
पल-पल प्रेम बढ़ाए जा।
मन गोविन्द-गुण गाए जा।
१. वह मन ही क्या मन है जिसमें
गोविंद-प्रेम सा प्रेम न हो
ऐसा मन ही क्या जिसमें
राधिका रमण सांवली सरकार न हो
मन प्रेम-जन हित नित
मन-मीत, प्रभु गीत गाए जा।
मन गोविंद गुण गाए जा,,,
ओरे मोरे मन राधिका रमण
निसदिन प्रभुगुन गाएजा..
२. वह जीवन क्या जीवन है जिसमें
जीवन धन से प्यार न हो।
ऐसा प्यार ही क्या जिसमें
पिय सुख में बलिहार न हो
श्यामा श्याम मिलन हित नित
नैनन नीर बहाए जा।
मन गोविन्द-गुण गाए जा
ओरे मोरे मन, राधिका रमण
निसदिन प्रभुगुन गाएजा....
३. पिय मन-भावन प्यारी सुकुमारी
वृषभानु दुलारी प्राण रे,
चाकर बन नित करे चाकरी
सुंदर श्याम सुजान रे।
प्रेम-सुधा रस चखन हित मन
राधे राधे गाए जा।
मन गोविन्द-गुण गाए जा
ओरे मोरे मन, राधिका रमण
निसदिन प्रभुगुन गाएजा...
४. ओ रसिया मन बसिया कृष्ण मुरारी
ब्रज मन बसिया जान रे
कानन रस नित भरे बांसरी
कृष्ण कन्हैया ब्रज प्राण रे
सांवरा सलोना घनश्याम नित मन
नैनन सुख पाए जा
मन गोविन्द-गुण गाए जा
ओरे मोरे मन राधिका रमण
निसदिन प्रभुगुन गाएजा....
अरुणा कालिया
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