मुस्कुराने की वजह

मुस्कुराने के लिए।
खिली धूप,खिली प्रकृति
खिली चाँदनी,बिछी चांदी
धरती मुस्कुरा उठी।
धरा आधार मुस्कुराता
मन प्रकृति से जुड़ा
प्रकृति की गति लय ताल
झूम उठता संसार
इतनी वजह काफ़ी है
मुस्कुराने के लिए।
अरुणा कालिया

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