स्वच्छ-अभियान


जिसने किया हवा को दूषित,जीव रह सकता कैसे सुरक्षित। 
घुटन-भरे परिसर में, मनोविकार है स्वाभाविक।
अच्छे-विचार उपजेंगे करो न परिसर प्रदूषित, 
अब तो जागो देश-वासियों,हमसे ही है देश-रक्षित।। 1.।।

स्वच्छ-अभियान को सफल बनाओ,रहो न पराए बनके । 
यह देश हमारा ही है, अतिथि नहीं हैं हम इसके। 
स्वयं से पहल करके,बन जाएं उदाहरण सबके 
जनता को जागृत करके,फैलाएं खुशहाली जगमें.।। 2.।।  

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