अदृश्य शक्ति

जिसने हमको जीना सिखाया
जिसने हमको सोचना सिखाया
जिसने दुख में हँसना सिखाया
जिसने ज्ञान प्रकाश को जगाया
हम जिस ईश्वर की संतान हैं
आओ हम मिलकर नमन करें
उस ईश्वर की शरण चलें.

चलें वहाँ जिसने
सूरज-रोशनी-सा ज्ञान दिलाया
जिसने सुधा-सम प्राण दिलाया
जिसने धरती पर सब भोज्य दिलाया
आओ हम मिल कर शीश झुकाएँ
उस अदृश्य शक्ति के गुण गाएँ ।

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