भारत की बेटी

अनेकता में एकता ,अखंड भारत की विशेषता



प्रत्येक भारतीय अपने अंदर एक सच्चे इंसान को महसूस करता है ,जब देश पर मुसीबत आई है ,सभी राज्य ,सभी धर्म ,किसी भी भाषा को बोलने वाला हो ,आपसी रंजिश भूल कर देश की अखंडता को बचाने के लिए तत्पर हुए हैं .

आज भी देश पर भारी विपदा आई है ,देश की इज़्ज़त दाँव पर लगी है.शत्रु ने देश की बेटी पर बुरी नज़र डाली है ,शत्रु देश की कोमल भावना के साथ खेलना चाहता है , समय आ गया है कि प्रत्येक भारतीय स्वयं में सरदार वल्लभ भाई पटेल को महसूस करे , और जिस प्रकार उन्होंने देश को खंडित होने से बचाया था उसी प्रकार देश का हरेक व्यक्ति  स्वयं  में लौह पुरुष को महसूस करते हुए प्रत्येक बेटी की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी ले।बेटी तो बेटी है अपनी या पराई नहीं होती , बेटी को इतना मजबूत बना दो कि कोई भी उसकी मर्ज़ी के बिना छूने की हिम्मत न करे.शारीरिक तौर पर भी उसे मजबूत बना दो ,जूडो कराटे या मार्शल आर्ट या पहलवानी सिखानी पड़े तो सिखाओ.पूरा देश एक जुट होकर बेटियों को सरक्षित करने में एक स्वर आवाज़ उठाएँ , हमारी बेटी हमारी शान देश की शान.

 निजी स्वार्थ एवं निजी उन्नति के साथ-साथ देश की प्रगति में निरन्तर अपना सहयोग देने की बात  कभी न भूले।देश की एकता में ऐसे तल्लीन हो जाएं कि देश को खंडित करने वाला इतना डरे,इतना डरे कि खंडित करने की बात भी अपने मनमें न आने दे । ऐसे में हम लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को अपने आप में ढूँढ लायेंगे ,जिन्होंने आज़ादी के समय देश के खंडित होते राज्यों को खंडित होने से बचा लिया था ।जब एक व्यक्ति इतना बड़ा कार्य मन के दृढ़ संकल्प से कर सकता है तो क्या सवा सौ करोड़ भारतीय आतंकवाद और बलात्कारी को जड़ से नहीं उखाड़ फेंक सकते ? आवश्य ऐसा कर सकते हैं, आवश्यकता है तो सिर्फ अपने कर्तव्य को समझने की।किसी आदेश का इंतजार हमें नहीं करना है, क्योंकि हमारे कर्तव्य हमें स्वयं ही समझने हैं।अगर इस देश को हम अपना घर समझते हैं तो अपने घर के प्रति हमारे कर्त्तव्य भी हम कभी नहीं भूल  सकते। 

जय हिंद,जय भारत
मेरे देश की शान ,मेरी शान

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