दर्द

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दर्द को गले लगाए बैठे हो ,
दवा को पास बुलाओ
तो कोई बात बने.

दर्द से इतना प्रेम!
जिसने तुम्हें रुलाया यों
उसी को मान दिए जाते हो
दर्द की दवा जो बने
उससे प्रेम करो
तो कोई बात बने.

आलस से इतना प्रेम क्यों!
मार्ग से भटकाता है जो
उसी को पास बैठाए जाते हो .
सजग रहो ,चैतन्य रहो
कर्मशील बनकर
मार्ग प्रशस्त करो
तो कोई बात बने .

आसान राहें मार्ग में है,
समझ लो कहीं तो गलत हम
सोचो और मनन करो
मीठा ज़हर तो नहीं पी रहे हम।
दर्द को मत पालो
कहीं तुम्हें दर्द दबोच न ले।
दवा से प्रेम करो तो कोई बात बने।

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