नरेंद्र मोदी जी
माननीय नरेंद्र मोदी जी
बेटियाँ ,बहुएँ दिन पर दिन और अधिक असुरक्षित होती जा रही हैं ,क्यों??
शायद यह सभी जानते हैं कि इस बात को जितना अधिक "हाईलाईट" किया जाता है, समस्या कम होने के बजाए और भी उग्र रूप धारण कर रही है, क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि समाचार के रूप में टी.वी. पर दिखाए जाने का तरीका ही इसे और बढ़ावा देने का काम कर रहा है .
एक अनुरोध करना चाहती हूँ कि इससे संबंधित समाचार को कुरेद कुरेद कर दिखाने के बजाए एक समिति बनाई जाए , उदाहरण के लिए सी.आई.डी. जैसी कोई टीम इस पर काम करे ,समाचार के रूप में इस पर कोई प्रतिक्रिया न हो. बल्कि इसे समाचार बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए.
ऐसा करना इसलिए अनिवार्य हो गया है क्योंकि जब-जब कोई भी ऐसे समाचार को देखता है , व्यक्ति के मन पर इसका चित्र अंकित हो जाता है , और जब भी व्यक्ति अपने आसपास उतनी ही उम्र की किसी बालिका को देखता है , समाचार के रूप में दिखाया गया चित्र ,जो अचेतन मन में चला गया था , सामने ताज़ा हो जाता है और मन में अवचेतन मन में बैठा राक्षस सिर उठाने लगता है ,यदि मन एक बार कमज़ोर पड़ गया तो राक्षस सिर उठाकर तांडव करने में कामयाब हो जाता है .
ऐसे में मानव के मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर बहुत ही सावधानी के साथ और बड़ी ही ज़िम्मेदारी के साथ ,इस विषय पर कार्य करना होगा.
प्रधान मंत्री के रूप में आपमें वह क्षमता है कि आप बड़ी संजीदगी से यह कदम उठाएँ. ऐसा कदम तो कोई समाजसुधारक ही उठा सकता है , युगप्रवर्तक के रूप में आप इस कार्य को अंजाम दे सकते हैं , आप अपनी पावर का प्रयोग करें तथा सख्ती बढ़ाने का ऐलान करें,. चलचित्र व टी.वी. सीरियल निर्माताओं को भी सख्त निर्देश दिए जाए कि
किसी भी प्रकार का ऐसा दृश्य न फिल्माया जाए जिसे देखकर मन में सोया हुआ राक्षस जाग जाए और उत्तेजित होकर कोई आपराधिक कार्य कर बैठे.
भारत की प्रतिष्ठा पर दाग़ लग रहा है ,उठिए और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को अपने अंदर महसूस करें और सख्ती से भारत की प्रतिष्ठा को बचाने में जुट जाएं .
यह सत्य है कि अकेला व्यक्ति सब कुछ ठीक नहीं कर सकता परंतु एक ऐसा व्यक्ति जिसके हाथ में सत्ता की पावर है और जनता का साथ है वह भी सिर्फ सत्ता के पाँच साल यूँही गुज़ार दे तो पूर्व प्रधान मंत्री डॉ.मनमोहन सिंह में और आपमें क्या फर्क रह जाएगा.
सत्ता का कार्यभार संभालो तो ऐसा कार्य करो जिसे युगों तक याद किया ,जैसे राजनीति के गुरु माने जाने वाले चाणक्य , लौह पुरुष माने जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम आज भी सम्मान के साथ लिया जाता है
हमारे देश में कितने ही विद्यार्थी हर साल आई.ए.एस. बनकर देश की सेवा के लिए तैयार होते हैं ,उन्हें कौन कौन से कार्य सौंपे जाते हैं या कौन कौन से कार्य सौंपे जाने चाहिए ? इस पर बड़ी ही गंभीरता से विचार करना होगा और क्रियान्वित रूप देना होगा ।
बेटियाँ ,बहुएँ दिन पर दिन और अधिक असुरक्षित होती जा रही हैं ,क्यों??
शायद यह सभी जानते हैं कि इस बात को जितना अधिक "हाईलाईट" किया जाता है, समस्या कम होने के बजाए और भी उग्र रूप धारण कर रही है, क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि समाचार के रूप में टी.वी. पर दिखाए जाने का तरीका ही इसे और बढ़ावा देने का काम कर रहा है .
एक अनुरोध करना चाहती हूँ कि इससे संबंधित समाचार को कुरेद कुरेद कर दिखाने के बजाए एक समिति बनाई जाए , उदाहरण के लिए सी.आई.डी. जैसी कोई टीम इस पर काम करे ,समाचार के रूप में इस पर कोई प्रतिक्रिया न हो. बल्कि इसे समाचार बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए.
ऐसा करना इसलिए अनिवार्य हो गया है क्योंकि जब-जब कोई भी ऐसे समाचार को देखता है , व्यक्ति के मन पर इसका चित्र अंकित हो जाता है , और जब भी व्यक्ति अपने आसपास उतनी ही उम्र की किसी बालिका को देखता है , समाचार के रूप में दिखाया गया चित्र ,जो अचेतन मन में चला गया था , सामने ताज़ा हो जाता है और मन में अवचेतन मन में बैठा राक्षस सिर उठाने लगता है ,यदि मन एक बार कमज़ोर पड़ गया तो राक्षस सिर उठाकर तांडव करने में कामयाब हो जाता है .
ऐसे में मानव के मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर बहुत ही सावधानी के साथ और बड़ी ही ज़िम्मेदारी के साथ ,इस विषय पर कार्य करना होगा.
प्रधान मंत्री के रूप में आपमें वह क्षमता है कि आप बड़ी संजीदगी से यह कदम उठाएँ. ऐसा कदम तो कोई समाजसुधारक ही उठा सकता है , युगप्रवर्तक के रूप में आप इस कार्य को अंजाम दे सकते हैं , आप अपनी पावर का प्रयोग करें तथा सख्ती बढ़ाने का ऐलान करें,. चलचित्र व टी.वी. सीरियल निर्माताओं को भी सख्त निर्देश दिए जाए कि
किसी भी प्रकार का ऐसा दृश्य न फिल्माया जाए जिसे देखकर मन में सोया हुआ राक्षस जाग जाए और उत्तेजित होकर कोई आपराधिक कार्य कर बैठे.
भारत की प्रतिष्ठा पर दाग़ लग रहा है ,उठिए और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को अपने अंदर महसूस करें और सख्ती से भारत की प्रतिष्ठा को बचाने में जुट जाएं .
यह सत्य है कि अकेला व्यक्ति सब कुछ ठीक नहीं कर सकता परंतु एक ऐसा व्यक्ति जिसके हाथ में सत्ता की पावर है और जनता का साथ है वह भी सिर्फ सत्ता के पाँच साल यूँही गुज़ार दे तो पूर्व प्रधान मंत्री डॉ.मनमोहन सिंह में और आपमें क्या फर्क रह जाएगा.
सत्ता का कार्यभार संभालो तो ऐसा कार्य करो जिसे युगों तक याद किया ,जैसे राजनीति के गुरु माने जाने वाले चाणक्य , लौह पुरुष माने जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम आज भी सम्मान के साथ लिया जाता है
हमारे देश में कितने ही विद्यार्थी हर साल आई.ए.एस. बनकर देश की सेवा के लिए तैयार होते हैं ,उन्हें कौन कौन से कार्य सौंपे जाते हैं या कौन कौन से कार्य सौंपे जाने चाहिए ? इस पर बड़ी ही गंभीरता से विचार करना होगा और क्रियान्वित रूप देना होगा ।

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