माँ

माँ मुझे बाँहों में भर लो
दुनिया की सहानुभूति
से डर लगता है।
माँ मुझे हृदय से लगा लो
प्यार की सच्ची गरमाहट को
महसूस करना चाहती हूँ ।
थक गई हूँ
बनावटी मुस्कान बिखराते हुए
दम भर को सच्ची मुस्कान
देखना चाहती हूँ।
माँ तुम्हारे अंक में समा
जाना चाहती हूँ। 

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