धीरे धीरे

धीरे धीरे
मौसम सामान्य होता है
धीरे धीरे क्रोध शान्त होता है
धीरे धीरे ही छँटती है
सुबह के कोहरे की धुंध।
धीरे धीरे ही होता है
प्यार का अहसास,
धीरे धीरे ही समझ आती है
प्यार की गहराई।
पर नहीं ठहरता है
गये हुए समय का विधान।
आसान होता है कितना
ढाढ़स देना किसी को
उसकी क्षतिपूर्ति के लिए
धैर्य रखें ,कहना जितना आसान है
उतना ही कठिन है
व्यक्तिगत रूप में वहन करना
दर्द की पीड़ा को
धीरे धीरे। ।
धीरे धीरे जवाँ होती है
विचारों की जद्दोजहद ,
धीरे धीरे ही समझ आता है
ज़माने की सहानुभूति की
चादर का ओढ़ाया जाना।
धीरे धीरे ही समझ आता है
समझ पाना, किसी का किसी के द्वारा
शोषित होते पाया जाना।
धीरे धीरे ही समझ आता है
स्वयं को बंधन मुक्त करने का गुण।
धीरे धीरे संभलने का नाम ही है
जीवन जीने की कला creative topic

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