यदि मैं जादूगर होता
यदि मैं जादूगर होता,
काम अनेक कर जाता,
जादू की छड़ी घुमाकर
उलझन सुलझाता,
नाम अपना करवाता।
काम कोई भी होता,
स्कूल का होमवर्क,
या मम्मी का वर्क,
छड़ी घुमाकर
झटपट कर जाता|
न मम्मी की डाँट,
न पापा की फटकार,
मेरे काम हो जाते,
झटपट सरकार।
दोस्तों में हीरो होता,
सब पर धाक जमाता|
जादूगर के कारनामों से,
करता दिलों पर राज|
गिलि गिलि छू,
गिलि गिलि छू
चाँद को बस में
कर लेता यूँ,
गेंद बनाकर
कभी खेलता
कभी बिछौना बनाकर
सोता यूं
गिलि गिलि छू
गिलि गिलि छू।
सबके मन की
बात समझकर
संकट सबके
कर देता दूर ,
पूरी दुनिया मेरी
मित्र बन जाती
और मैं मम्मी
पापा का सपूत |
बच्चों को सर्वाधिक पसंद की जाने वाली कविता
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