संदेश

वह पुष्प

ओस की बूंदों से लथपथ था वह पुष्प कातर निगाहों से उसने मुझे ज्यों देखा मानो सर्दी से कांपती सांसों को अपने आगोश में लेने को कह रहा था वह पुष्प। उसकी सुंदरता देखने में मैं था मशगूल कहाँ कर पाया मैं उसका दर्द महसूस। दूर-दूर से आए थे लोग उसे देखने ओस लिपटा पुष्प दर्द से था मजबूर। अरुणा कालिया

यादें

यादों का पिटारा पीछे छूट रहा है बढ़ रहे कदम, मन पीछे छूट रहा है, यादों के बादल धुंध से छा रहे हैं बढ़ते कदम रुकना चाह रहे हैं। अधूरा सा लागे, है सब कुछ मेरे पास फ़िर भी अछूता सा लागे। कह न पाऊं मन की बात हैं शब्द नहीं मेरे पास। अरुणा कालिया

मुस्कुराने की वजह

मुस्कुराने के लिए। खिली धूप,खिली प्रकृति खिली चाँदनी,बिछी चांदी धरती मुस्कुरा उठी। धरा आधार मुस्कुराता मन प्रकृति से जुड़ा प्रकृति की गति लय ताल झूम उठता संसार इतनी वजह काफ़ी है मुस्कुराने के लिए। अरुणा कालिया

मन का उजाला

मन का उजाला बाहर उजाला भी मन का ही उजाला है वरना ठोकर लग जाती है। ठोकरें मन का तम दूर कर सचेत करती ठोकरें तो रोशनी में लग जाती हैं। अरुणा कालिया

धनतेरस

धनतेरस की हार्दिक बधाई दीपावली के दीप जलें रोशन रहे सारा जहां,  रोशन करे सारा जहां। धन बरसे लक्ष्मी मां कृपा करने आई। तन मन स्वस्थ रहे कोरोना को करो चारों खाने चित्त यहां। धन बरसे कृपा बरसे  महामाई कृपा करने आई। धन तेरस की हार्दिक बधाई, बधाई।। अरुणा कालिया 🙏🙏

ये दुनिया खानाबदोश

ये दुनिया खानाबदोश जीवन कहां यहां अपनी ही धुन में जी रहे,समय कहां यहां। भाग रहे सब भाग रहे,बस भाग रहे यहां वहां पता नहीं रुकना कहां, अंतिम छोर कहां यहां। दिल लगाने की कोशिश की लाख मगर अजनबी सी दिखी हर बार दुनिया की डगर। न बातें अपनी,न आँखों का छूना अपना न स्पर्श अपना-सा, न दुआएं अपनी-सी। न इंतज़ार था हमारे लिए,न फ़िक्र कहीं भी दिखावा ही दिखावा चारों ओर है दिखता। ये दुनिया खानाबदोश,परायी-सी लगती। मुसाफ़िर बन जैसे तैसे जीने को बाध्य करती। दिल लगाने की कोशिश लाख की मगर दिखती नहीं दुनिया में कोई अपनी सी डगर।

शोर

बाहर का अनगिनत शोर और उनके आने की आहट पहुँच पायेगी मुझतक!! अंतर्मन की आवाज़ हौले से कह गई कानों में बाहर की आवाजों को अनसुना करके तो देख। तेरे मन में ही है बड़ी निराली ताक़त, सात समुंदर पार की आवाज़ बड़ी आसानी से सुन पाती है। एक बार सुनने की कोशिश और फ़िर देख उसके आने की आहट! उसके दिल की धड़कन भी स्पष्ट सुन पायेगा। अरुणा कालिया