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पाठ योजना, सातवीं कक्षा,

पाठ योजना - नवंबर मास (2019-20) विषय- हिंदी - सातवीं कक्षा , प्रकरण- सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी (लेखक- डॉ. गिरीश काशिद) --------------------------------------------- शिक्षण-उद्देश्य 1.पूर्व-ज्ञान :- हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है | इसकी विशेषताओं के बारे में हम सब भलि-भाँति जानते हैं | हिंदी हमारी राष्ट्र-भाषा है | सरकारी कामकाज इसी भाषा में किए जाते हैं | हिंदी को राष्ट्र-भाषा का दर्जा 14सितंबर 1939,को दिया गया था 2.पाठ का सारांश सूचना और प्रौद्योगिकी निरंतर गतिशील प्रक्रिया है|यह आज मनुष्य जीवन केे क्षेत्र प्रभावित कर रही है |यद्यपि सूचना प्रौद्योगिकी पर अंग्रेज़ी छाई हुई है परंतु जर्मनी , जापान, चीन, फ्रांस जैसे देेेेेशों ने अपनी राष्ट्र-भाषा द्वारा इसमें प्रगति की है |इस क्षेत्र में यदि हिंदी को आगे बढ़ाया जाए तो वह 'विश्वभाषा' का रूप ले सकती है |यह प्रोत वाक्य-विन्यास, ध्वनि विज्ञान और रैखिक दृष्टि से बहुत सुनियोजित भाषा है |हिंदी आम आदमी की भाषा है और इसी के माध्यम से सूचना और प्रौद्योगिकी आम आदमी तक पहुंच सकती है | राजभाषा विभाग, गृह मंडत्रालय, नेटकॉम इंडिया और कुछ अन्य...

अकेला खड़ा हूँ

अकेला खड़ा हूँ.  भीड़ बड़ी है इधर उधर  उदास है पर मेरा मन  अकेला खड़ा हूँ|   दुनियां में अकेला  आया था  अकेले जाना है  जीवन भी जो मिला है  जिनकी बदौलत मिला है  उनका कर्ज़ चुकाना है ,  कर्म ऐसे किये जा  सिर गर्व से ऊँचा  किये जा अकेला  खड़ा है, अकेले  चलता जा बस  अपने लक्ष को जिये जा । दुनिया का दस्तूर यही है ,  अपनी राह जिये जा।

हिंदी दिवस

हिंदी-दिवस के अवसर पर स्वरचित कविता .... शीर्षक ----- हिंदी , भारत माता की बिंदी हिंदी , हिंदी , हिंदी , भारत माता के माथे की बिंदी यह जननी का श्रृंगार है , क्यों होता इसका तिरस्कार है ? भाव व्यक्त इसमें हम करते , फिर बोलने में क्यों डरते ? आओ , हम इसे अपनाएँ , भारतवर्ष की शान बढ़ाएँ , हिंदी तो मातृ भाषा है , यह कोटि - जनों की आशा है | आज़ादी इसने दिलवाई थी , तब न यह पराई थी | आज भारत में इसे क्यों दूसरी समझा जाता है ? हिंदी - भाषी को यहाँ क्यों तुच्छ माना जाता है ? हिंदी है हमारा गौरव , आओ , इसे अपनाएँ | हिंदी - दिवस को मिलकर सार्थक हम बनाएँ , हिंदी - दिवस को मिलकर सार्थक हम बनाएँ | सुरिंदर कौर

दोस्त अनमोल है

दोस्त है तो जाने न दो,  रूठ गया है तो झट मना लो ,  गलतफहमी है तो दूर हो जाने दो, चला गया तो फिर नहीं आएगा|  मना लो, मिन्नत कर लो,  रूठ कर जाने न दो,  चला गया गर ,  खुशी साथ ले जाएगा,  चैन साथ ले जाएगा,  दोस्त है तो जाने न दो|  अच्छा दोस्त  अच्छे व्यवहार से मिलता है|  व्यवहार आँखों में झलकता है,  सच्चाई बयान करता है |  सच्चाई दिखे गर,  उसकी आँखों में,  दोस्ती का हाथ बढ़ा दो|  दोस्त अनमोल है ,  गर रूठ गया है तो,  रूठकर जाने न दो,  जाने वाले का रास्ता रोक लो|

बच्चों का मनोविज्ञान

बच्चों के मनोविज्ञान को समझना अति आवश्यक है, बच्चे हैं इसलिए बच्चों की भाषा ही समझेंगे. उन्हें समझने और समझाने के लिए उनके स्तर तक उतरने की आवश्यकता है. बच्चे हमारे स्तर तक नहीं आ सकते, हम तक पहुंचने के लिए उन्हें हमारी उम्र तक पहुंँचना पड़ेगा .पर हम तो अपनी उम्र से उतर कर उनकी उम्र तक आ सकते हैं. जब हम उनके ही नज़रिये से उन्हें समझेंगे, तभी उन्हें समझाने का हमारा प्रयास सार्थक हो सकेगा.

धरती की सुरक्षा

धरती की सुरक्षा के लिए------ उठो अब अमल करो बैठकर देखने का समय निकल गया है , उदाहरण मिल चुका , केदार आपदा से। आओ पहल करें, नहीं कोई साथ ,न सही । खुद उदाहरण बन जाएँ । धरती सहन शील है इसकी सहनशीलता की परीक्षा और मत ले बंदे, प्रकृति से छड़छाड़ की तो भयंकर परिणाम भुगतना पड़ेगा , प्रकृति का पलटवार हमें ही सहना पड़ेगा । प्रकृति का पलटवार हमें ही सहना पड़ेगा।।।  -- अरुणा कालिया 

ईद मुबारक हो ,चाँद मुबारक हो

ईद मुबारक जश्न ए ईदी तमाम हिंदुस्तान को । ईद मुबारक  पैग़ाम-ए-मुहब्बत  नया चाँद,नई हसरत नया नूर ,नयी उम्मीद एकता में बाँधते आ रहे हिंदोस्तानियों को  हिंदुस्तान की तहज़ीब। दिवाली या हो ईद  कव्वाली या हो गीत। दोस्त हो या हो मीत  हर रंग में, हर ढंग में  घुल जाता हिंदुस्तानी संगीत।