अकेला खड़ा हूँ

अकेला खड़ा हूँ. 
भीड़ बड़ी है इधर उधर 
उदास है पर मेरा मन 
अकेला खड़ा हूँ| 
 दुनियां में अकेला 
आया था 
अकेले जाना है 
जीवन भी जो मिला है 
जिनकी बदौलत मिला है 
उनका कर्ज़ चुकाना है , 
कर्म ऐसे किये जा 
सिर गर्व से ऊँचा 
किये जा अकेला 
खड़ा है, अकेले 
चलता जा बस 
अपने लक्ष को जिये जा ।
दुनिया का दस्तूर यही है , 
अपनी राह जिये जा।

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