जलाओ दिये
कक्षा-आठवीं
पाठ-जलाओ दिये
दवधा-पद्य (कविता)
शिक्षण-उद्देश्य –
ज्ञानात्मक-
1. कविता को एक ही अन्विवत मेंपढाया जाए।
2. कविता की विशेषताओं की सूची बनाना।
3. नए शब्ों को समझकर छात्ों के शब्-भंडार मेंिृन्वि करना।
4. कविता की विषय-िस्तु को पूिव में सुनी या पढी हुई कविता से संबि करना ।
5. छात्ों को पाठ के कवि तथा उनकी अन्य रचनाओं के बारे मेंजानकारी देना।
6. पाठ मेंप्रयुक्त भाषा-तत्ों एिं कवठन शब्ों के शुि रूपों को पहचान कर छात्ोंको
उनके बारे मेंजानकारी देना।
7. सावहत्य के पद्य विधा (कविता) की जानकारी देना ।
8. प्राकृ वतक स ंदयव तथा प्रेम-भाि से पररवचत कराना।
9. कविता की लयात्मक प्रिाहमयी भाषा की जानकारी छात्ों को देना।
10. कवठन श्बब्ों को श्यामपट्ट पर वलखकर बार अभ्यास कराना ।
कौशलात्मक-
1. छात्रों को गति, यति और लय के साथ कतििा पढाना तसखाना ।
1. आदशव िाचन करते समय उच्चारण की दृवि से कवठन शब्ों को श्यामपट्ट पर
वलखा जाना।
2. कविता के भािों के अनुरूप छात्ों को उवचत आरोह-अिरोह के साथ कविता का सस्वर िाचन
कराना ।
3. कवि के उद्देश्य को स्पि करना।
4. कविता में िवणवत प्राकृ वतक स ंदयव पर प्रकाश डालना ।
प्रयोगात्मक-
1. कविता के भाि को अपने दैवनक-जीिन के व्यिहार के संदभव के साथ जोड़कर
देखना।
2. कविता के कें द्रीय-भाि को अपने शब्ों मेंवलखना ।
3. कवि की रचनाओं की तुलना अन्य कति की रचनाओं से करना ।
4. अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के भाि बताना तथा अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के
भाि पर एक अनुच्छे द वलखिाना ।
सहायक दिक्षण-सामग्र
1. श्वेत-िृंविका,झाड़न,वचत् आवद।
2. दीपािली के दृश्योंके कु छ वचत् तथा िीवडयो न्विप भी साथ रखें ।
पूर्व ज्ञान-
1. कवि के बारे मेंविस्तार से जानकारी देना।
2. कवि कविता के माध्यम से पाठक को क्या संदेश देना चाहते हैं,इसकी विस्तृत जानकारी
देना।
3. सामावजक व्यिहार से अिगत कराना।
4. कविता में कवि ने वजस भाषा का प्रयोग वकया है,उसके कारण कविता रोचक तथा
5. कविता का रोचक होना अत्यंत आिश्यक है तावक पाठक रुची से लय में गा सके ।
6. मानिीय स्वभाि तथा आपसी तालमेल की जानकारी देना ।
7. वपछली कक्षाओं में पढी गयी परस्पर भाईचारे की कविताओं के विषय में पूछना ।
8. वकसी की सहायता करके अथिा वकसी का कि दू र करके आप कै सा अनुभि करते हैं ,इस
बात पर कोई और कहानी सुनाकर उदाहरण पेश करना ।
9. भाईचारे की बात को समझाते हुए कविता की प्रस्तािना बनाना ।
10. पूिव जानकारी की सभी बातों से छात्ों को पाठ समझने में सरलता का अनुभि होता
है।
पाठ का सार-
कवि गोपाल दास जी ने इस बात पर जोर वदया है वक हम सभी को दीपािली पर दीपक जलाते
समय इस बात पर ध्यान देना चावहए वक के िल अपने घर का अंधेरा ही नहीं .बन्वि सारे विश्व का
अंधकार दू र करना है ।उन्नवत और विकाल के चमकते हुए पंख धारण करके साधारणसेवदखाई देने
िाले लोग आकाश को छू ने का ह सला प्राप्त कर सकते हैं ।दीन, दवलत, वनराश और ठोकर खाए लोगों
में आशा और विश्वास जाग्रत करना है ।ज्ञान और आगे बढने की राह वदखाने िाला प्रकाश कभी कम
नहीं होना चावहए ।जब तक लोगों के मन में युि की इच्छा है, तब तक कोई व्यन्वक्त उदास है तब तक
खुशहाली नहीं आ सकती ।इस अंधकार भरी रात का अंत तभी हो सकता है जब बाहर दीपक जलाने
के साथ-साथ हर मानि के मन में प्रेम और भाईचारे के दीपक जल उठें ।
प्रस्तावना-प्रश्न –
1. छात्ों से कविता के संदभव मेंप्रश्ों को पूछा जाएगा ।
2. कविता से संबंवधत मानिीय गुणों तथा जीिन मूल्ोंकी कक्षा में चचाव की जाएगी ।
3. वकसी का कि दूर करके अथिा वकसी की सहायता करके आप कै साअनुभि करते हैं?
4. यवद संसार में सभी देश परस्पर भाईचारे से रहें तो वकस-वकस चीज का ख़तरा कम हो जाएगा ?
5. बच्चों से पूछें वक दीपािली के दीपक जलने से चारों ओर वकस प्रकार का दृष्य उपन्वथथत हो जाता
है ?
6. दीन-दवलतों की सहायता करके उन्हें ऊपर उठाने पर आप को कै सा अनुभि होगा ?
उद्देश्य-कथन-
1. भाईचारे और प्रेम को बढाना
2. अज्ञान, बुराई तथा वनराशा को दू र करने की भािना को जगाना ।
3. आशा और विश्वास के साथ उन्नवत विकास की ओर बढना ।
4. दीन ,दवलतों को ऊपर उठाना तथा विश्व शांवत का संदेश देना ।
5. दीन-दवलतों को ऊपर उठाने से ही पूरे देश अथिा विश्व में खुशहाली सकती है इस बात को
समझाते हुए कवि के कथन को विस्तार से समझाना ।
6. कवि के उद्देश्य को कविता के माध्यम से विस्तार से समझाना ।
7. कवि दीपको के उजाले से यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं वक अंधेरे से उजाले की ओर जाने
का क्या उद्देश्य है ।
8. ‘तमसो मा ज्योवतमवय गमय’ संस्कृ त की इस सून्वक्त को समझाकर कवि के भािों को विस्तार
समझाना ।
9. भाईचारे से अज्ञान का अंधकार कै से दू र हो सकता है ,बताना ।
10. तथा विश्व में खुशहाली लाने का उद्देश्य कविता के माध्यम से समझाते हुए कवि के उद्देश्य को स्पि
करना ।
11. कवि के कथन का उद्देश्य स्पि करने के वलए अन्य कहावनयााँ सुनाकर उदाहरण प्रस्तुत करना ।
क्रमााँक अध्यापक-वक्रया छात्-वक्रया
1 कविता का के न्द्रीय
भाि छात्ों को समझाना
और उसे प्रदू षण से
बचाए रखने तथा
सजीि प्राकृ वतक स ंदयव
का तथा जंगली ज्ञान
कराना।
पाठ की आिश्यक
जानकारी को अपनी
अभ्यास पुन्वस्तका में
वलखना।
2 वशक्षक द्वारा कतििा
का उच्च-स्वर मेंिाचन
करना।
कविता के गीत तथा
लय की जानकारी देना।
उच्चारण एिं पठन
शैली को ध्यान से
सुनना।
3 कविता का मूलभाि
समझाना िथा सून्वक्त-
िाक्यों को प्रदान
श्यामपट्ट पर वलखकर
समझाना।
पाठ से संबंवधत अनेक
वजज्ञासाओं का
वनराकरण करना ।
4 पाठ के मुहािरों के
प्रयोग से भाषा का
स ंदयव बढाना समझाया
जाना।
छात्ों द्वारा पठन करना
तथा अपनी अभ्यास-
पुन्वस्तका मेंवलखना।
5 कविता मेंआए कु छ
शब्ों जैसे-मत्यव,वकरण-
द्वार,
मनुजता,दीन्वप्त,हृदय
आवद का उच्चारण की
दृवि से श्यामपट्ट पर
वलखकर उनका शुि
उच्चारण करिाना ।
कविता मेंवदए गए कु छ
शब्ों के पयावयिाची
शब् वलखना तथा उन्हें
मुक्त-कं ठ से कं ठथथ
करना ।व्याकरण के
कायव को अभ्यास-पुन्वस्तका
में वलखना।
गृह-कायव-
कविता को ऊाँ चे स्वर मेंपढते हुए सही उच्चारण का अभ्यास करना ।
पाठ के प्रश्ों का अभ्यास करना ।
कविता का भाि समझकर संक्षेप में अपने सहपावठयों को सुनाना ।
पाठ मेंआए कवठन शब्ों का अपने िाक्यों मेंप्रयोग करना ।
दनर क्षण-कायव- अध्यावपका बच्चों का श्यामपट्ट पर वदए गए कायव का वनरीक्षण करेंगे।
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