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अप्रैल, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शेर और तोमचा

कक्षा-आठवीं पाठ-शेर और तोमचा विधा-गद्य (कहानी) शिक्षण-उद्देश्य – ज्ञानात्मक- 1. पाठ को एक ही अन्विति में पढ़ाया जाए। 2. पाठ की विशेषताओं की सूची बनाना। 3. नए शब्दों को समझकर छात्रों के शब्द-भंडार में वृद्धि करना। 4. छात्रों को पाठ के लेखक तता उनके साहित्यिक जीवन के बारे में जानकारी देना। 5. छात्र पाठ में प्रयुक्त भाषा तत्वों एवं कठिन शब्दों के शुद्ध रूपों को पहचान कर उनके बारे में प्रत्याभिज्ञान व 6. प्रत्यास्मरण कर सकेंगे 7. साहित्य के गद्य विधा (कहानी ) की जानकारी देना । 8. प्राकृतिक सौंदर्य तथा प्रेम-भाव से परिचित कराना। 9. कहानी की प्रवाहमयी भाषा की जानकारी छात्रों को देना। बोधात्मक- 1. आदर्श वाचन करते समय उच्चारण की दृष्टि से कठिन शब्दों को श्यामपट्ट पर लिखा जाएगा। 2. प्रकति तथा जीव-जंतुओं के प्रति आसक्ति-भाव जाग्रत करना। 3. लेखक के उद्देश्य को स्पष्ट करना। 4. प्रकृति के सौंदर्य को समझना । 5. प्राकृतिक सौंदर्य एवं जीव-जगत के व्यवहार पर प्रकाश डालना । प्रयोगात्मक- 1. कहानी के भाव को अपने दैनिक-जीवन के व्यवहार के संदर्भ के साथ जोड़कर देखना। 2. कहानी के केंद्रीय-भाव...

जलाओ दिये

कक्षा-आठवीं पाठ-जलाओ दिये दवधा-पद्य (कविता) शिक्षण-उद्देश्य – ज्ञानात्मक- 1. कविता को एक ही अन्विवत मेंपढाया जाए। 2. कविता की विशेषताओं की सूची बनाना। 3. नए शब्ों को समझकर छात्ों के शब्-भंडार मेंिृन्वि करना। 4. कविता की विषय-िस्तु को पूिव में सुनी या पढी हुई कविता से संबि करना । 5. छात्ों को पाठ के कवि तथा उनकी अन्य रचनाओं के बारे मेंजानकारी देना। 6. पाठ मेंप्रयुक्त भाषा-तत्ों एिं कवठन शब्ों के शुि रूपों को पहचान कर छात्ोंको उनके बारे मेंजानकारी देना। 7. सावहत्य के पद्य विधा (कविता) की जानकारी देना । 8. प्राकृ वतक स ंदयव तथा प्रेम-भाि से पररवचत कराना। 9. कविता की लयात्मक प्रिाहमयी भाषा की जानकारी छात्ों को देना। 10. कवठन श्बब्ों को श्यामपट्ट पर वलखकर बार अभ्यास कराना । कौशलात्मक- 1. छात्रों को गति, यति और लय के साथ कतििा पढाना तसखाना । 1. आदशव िाचन करते समय उच्चारण की दृवि से कवठन शब्ों को श्यामपट्ट पर वलखा जाना। 2. कविता के भािों के अनुरूप छात्ों को उवचत आरोह-अिरोह के साथ कविता का सस्वर िाचन कराना । 3. कवि के उद्देश्य को स्पि करना। 4. कविता में िवणवत प्राकृ वतक स ंदयव पर प्रकाश डालना...

धैर्य रख

धैर्य रख,   ज़रा सा सब्र रख,  खुद को, घर पर रख|   जो अधूरा रह गया   पा ही लेंगे   जिंदगी एक धरोहर   बचा कर रख |   संकट छाया है   धैर्य रख  अंधकार  छंट ही जाएगा|   ज़रा सा सब्र रख   खुद को बस   घर पर रख |

शिखर तक

शिखर तक पहुँचने का ख्वाब  जो देखा मैने   त्याग समर्पण का मान  तो रख लिया होता |  त्याग करना सीख लिया जिसने  नाम शिखर पर उसने ही  दर्ज करवा लिया होता |  पाना और खोना' की समझ  आ जाए यदि,   जग को उसने ही पा लिया होता |  पाने की खुशी न खोने का ग़म  सम भाव सीख लिया जिसने जीने का सलीका आ गया होता |  शिखर पर नाम  यूँ ही नहीं दर्ज हुआ करते,   त्याग करना तो सीख लिया होता |  इतिहास में नाम  उन्हीं का शिखर पर पहुँच पाया है ,जिसने  त्याग का पाठ खुशी से सीख लिया था |
नमन काव्याँचल_काव्याराधना आयोजन -आठवाँ दिवस सरोवर - पंपा सरोवर तिथि - 03.04.2020 विषय - पोस्ट -8 क्रमाँक - 61 टीम का नाम - तीसरी आँख टीम के सदस्य -1.अरुणा कालिया-(सुनीता) 2.निखिल कुमार -(अभिनव) 3.विजय लक्ष्मी राय-(अमिता) किरदार का नाम -सुनीता विधा - काव्य शीर्षक - 'असमंजस की बात है' सम्मान से जीना तो जरूरी है, न चाहने पर भी तलाक़-मंजूरी है| विपरीत फैसला लेना,उलझन सही, आत्मसम्मान की बात भी जरूरी है| माँ के ताने सुनने मंज़ूर हैं, पति की प्रेमिका का साथ बर्दाश्त नहीं| मायके में माँ के ताने दर्द देते हैं आत्मसम्मान का टूटना बरदाश्त नहीं| बेटी आयशा के जीवन की भी चिंता एक माँ के लिए स्वाभाविक बात है लौट जाऊँ सोचा कितनी ही बार सौतन गवारा,मंज़ूर नहीं बात है | चाहना न चाहना एक बात है परिस्थिति से परे फैसला ,अलग बात है | बेटी की चिंता बहुत बड़ी बात है आत्मसम्मान बचाना सर्वोपरि बात है | असमंजस की स्थिति बनना एक बात है मन के विपरीत फैसला मजबूरी की बात है | यौं तो अपमान का घूँट लोग पी लेते हैं, औलाद की ख़ातिर कडु़वा घूँट पीना बड़ी बात है | हँ...