ख़त उनके नाम
नमन काव्याँचल_काव्याराधना
आयोजन -सातवां दिन
सरोवर - पंपा सरोवर
तिथि -02.04.2020
क्रमाँक - 61
टीम का नाम - तीसरी आँख
टीम के सदस्य -1.अरुणा कालिया
2.निखिल कुमार
3.विजय लक्ष्मी राय
विषय - कुछ कुछ इश्क़ सा
विधा - काव्य
शीर्षक - उनका एक स्पर्श
उनका एक स्पर्श हृदय पटल को छू गया,
हृदय तब से उनका होकर रह गया ||
हृदय में हरदम किसी की तस्वीर उभरना
इसी का नाम इश्क़ है, हृदय को पता न था|
अनदेखा कर दुनियावी कर्मों में लिप्त रहे,
अचेतन मन में चेहरा,अनदेखा करते रहे |
बेचारा मस्तिष्क अनजान, बेफ़िक्र जीता रहा|
धड़कन की ताल सुने बिना कार्य करता रहा|
हृदय जब घुटने लगा ,साँस लेना भारी हुआ|
मस्तिष्क का कार्य बंद हुआ,तभी आभास हुआ |
यह इश्क़ है!,ऐसा होता है इश्क़ का एहसास!
इतने प्रश्नों की बौछार,हुआ शून्य-सा आभास |
दिल के हाथों मजबूर ज्ञानी मस्तिष्क हुआ बेजान|
थका हुआ सा ज्ञानी मस्तिष्क अब मान गया हार|
मस्तिष्क हुआ मौन, हृदय का क्रंदन,अब हुआ बेखौफ़|
धुंधली सी तस्वीर हृदय में अब होने लगी स्पष्ट बेटोक|
उभरती तस्वीर स्पष्ट होते ही इश्क़ का हुआ एहसास |
नैना झरझर अश्रु बहाने लगे जैसे बिन बादल बरसात|
इश्क़ का पूर्ण अहसास होते,दिल में दर्द महसूस हुआ|
इश्क़ नहीं आसान, दिल बड़ा नादान,यह एहसास हुआ|
घोषणा
यह रचना पूर्णतः स्वयं रचित है , अप्रकाशित है ,
मैंने fb पर भी कहीं पोस्ट नही की है |
मैं इसके प्रकाशन हेतु काव्याँचल को स्वीकृति प्रदान करती हूँ|
अरुणा कालिया
फरीदाबाद
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