भाईचारा
भाईचारे का पाठ
पढ़ जाए जो आज
मिट जाए भेद
रंक -राजा का आज।
वसुधा से सीखो
भाईचारे का पाठ
एक सूत्र में बाँध
रखती संसार को साथ।
प्रकृति विधा ऐसी निराली
संग संग चलती
कहीं न रुकती
दुख सुख में सदा
इक सार में रहती
वसुधैव कुटुम्बकम्
एक ऐसा सूत्र
संपूर्ण वसुधा है
एक कुटुम्ब अटूट।।
पढ़ जाए जो आज
मिट जाए भेद
रंक -राजा का आज।
वसुधा से सीखो
भाईचारे का पाठ
एक सूत्र में बाँध
रखती संसार को साथ।
प्रकृति विधा ऐसी निराली
संग संग चलती
कहीं न रुकती
दुख सुख में सदा
इक सार में रहती
वसुधैव कुटुम्बकम्
एक ऐसा सूत्र
संपूर्ण वसुधा है
एक कुटुम्ब अटूट।।
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