शुभग्रीष्मावकाश
शुभग्रीष्मावकाश
अरुणा
कालिया
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गर्मी की ऋतु,
बारिश की ठंडी फुहार,
गर्म हवा की तपिश
और मेघों का गर्जनाद
लेकर आया जैसे
सुखद समाचार।
दुःख में सुख
अंधकार में प्रकाश
-सी अनुभूति दे जाता
प्रकृति का अनूठा
उतार-चढ़ाव।
ममत्व भरा यह
प्रकृति का स्पर्श,
मानव में भर देता,
जीवन का संचार।
अठखेलियाँ करता
दुःख भुलाकर
बच्चे-सा मासूम है,
मानव का संसार।
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