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भाईचारा

भाईचारे का पाठ पढ़ जाए जो आज मिट जाए भेद रंक -राजा का आज। वसुधा से सीखो भाईचारे का पाठ एक सूत्र में बाँध रखती संसार को साथ। प्रकृति विधा ऐसी निराली संग संग चलती कहीं न रुकती दुख सुख में सदा इक सार में रहती वसुधैव कुटुम्बकम् एक ऐसा सूत्र संपूर्ण वसुधा है एक कुटुम्ब अटूट।।