संदेश

अगस्त, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बेटी नाम की शख़्सियत

बेटी नाम ही ऐसी शख़्सियत दिल धड़कना सिखाया जिसने वह बेटी ही हो सकती है झंकृत कर दिल के तारों को प्रसन्न होना सिखाया जिसने । रिश्तों की नज़दीकियाँ क्या होती हैं समझाया जिसने । उस बेटी के दूर हो जाने की कल्पना मात्र तड़पाती है स्वार्थी होना न चाहूँ , पर स्वार्थी बन जाती हूँ । इसलिए इक बात राज़ की तुमको आज बतलाती हूँ, जब जब दूर हुई तुम हमसे, चैन नहीं तब पाया है , डरता रहता हृदय सदा, अनजाना खौफ़ सताता है।  याद रखना यह बात सदा, दूर कहीं भी जाओ घर से सतर्कता अपनाना सदा। सज्जनता के भेस में दुर्जन भी हैं यहाँ-वहाँ। आशीष रहेगा साथ सदा रहो तुम जहाँ-जहाँ । घर लौट कर आना हर हाल घर पर मिलेगी पनाह सदा। घर की पहचान यही है, जिसके दरवाज़े खुले हैं सदा,  जिस घर से दो आंखें झांक रही हों,  बांहें फैलाए जहां मां खड़ी हो, स्वागत में तेरे हरदम डटी हो, और भाई को तेरे डांट रही हो ।                 घर की पहचान यही है, जिसके दरवाज़े खुले हैं सदा। सक्षम हो,शिक्षित हो,आधुनिक भी हो, सतर्क होकर कुतर्क को मात देना सदा। आधुनिक हो, ...

कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई और कृष्ण से उलाहना

चित्र
    जागो मोहन प्यारे जागो     अब तो निद्रा त्यागो।     बड़ी देर भई,नंद लाला     तेरी राह तके हर बाला     अन्जान नहीं तुम धरती लोक से,     अदृश्य नहीं है कुछ भी तुमसे     फिर क्यों हो  लाचार,     यशोदा के नंदलाल।     वचन दिया था     अविलम्ब आओगे     जब-जब होगा    निर्दोष पर अत्याचार।   अब तो जागो मोहन प्यारे,   अब तो निद्रा त्यागो। माखनचोर नन्दकिशोर कितना और सताओगे इस युग में हमसे दूर कब तक और रह पाओगे। द्रौपदी की पुकार में  दौड़े चले आए थे। आज की नारी की पुकार नहीं पहुँचती है तुम तक राज़ कब तक न बतलाओगे माखनचोर नंदकिशोर कितना और सताओगे          

Happy b;day to Rahul Budhraja

चित्र
              जन्म दिवस आया आज खुशियां लाया हजार                  पीछे मुड़कर देखा जब  कल से बढ़कर पाया आज।           विपत्ती से बढ़करअनुभव देता देखा नहीं  कोई विद्यालय आज                 हर पल पढ़ाता पाठ नया देखा नहीं कोई शिक्षक आज     नयी चुनौति का करे जो आह्वान शिरोधार्य वही करता             सफ़लता का ताज।

Happy b'day to ARJUN and Happy krishnajanmaashtami

चित्र
तिल-तिल कर दिन ढला सांझ हुई फिर सूरज उगा सुनहरी धूप का साम्राज्य सम्पूर्ण धरती पर हुआ। सूरज में जितनी किरणें खुशियां मिलें उतनी अर्जुन तुमको जीवन के हर चरण में।

Happy b'day to MUKUND BADYAL

चित्र
25अगस्त का दिन,भाग्यशाली बन गया, जब हुआ मुकुन्द का जन्म इस दिन। बधाई मिली चहुं ओर से, खुशियां बटोर लाया आज एक बार फिर से क्योंकि आज ही है वह खुशियों से भरा दिन।

रक्षा -बंधन की शुभकामनाओं के साथ-

वस्तुतः आज की राखी अपना एक विशेष संदेश रखती है ,उसमें बहन की आकांक्षा है,मां का ममत्व है और राष्ट्र जीवन के निर्बल वर्ग की चीत्कार है। ुउसमें हमारे लक्षावधि भाइयों की गाथा है, क्षत-विक्षत सामाजिक जीवन की सराहना है और वर्ग-भेद,भाषा-भेद, प्रांत-भेद और जाति-भेद के ऊपर उठने के पवित्र संकल्प का संकेत हैं।         कहा जाता है कि महाराणा संग्राम सिंह की मृत्यु के उपरांत अवसर पाकर गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया ।विधवा महारानी कर्णवती पर विपदाओं के श्यामल मेघ घिर आए।उसने तुरन्त संदेश-वाहक द्वारा बादशाह हुमायुँ के पास सहायतार्थ राखी भेज दी । कलाई पर राखी बंधते ही हुमायुँ की नसों में बहिन का प्रेम उमड़  आया और तत्काल ऱाखी के सम्मानार्थ दौड़ पड़ा ।इतिहास इस बात का साक्षी है कि रक्षा के सूत्र में बंधे हुमायुँ ने अपने कर्तव्य-पालन में किसी बात की कसर नहीं रखी थी।     आज अगर मालिक-मज़दूर,ग्राहक-विक्रेता, स्त्री-पुरुष,छात्र-अध्यापक,छोटे-बड़े कर्मचारी प्रतिवर्ष इस पर्व पर एक दूसरे के  रक्षक  होने की प्रतिज्ञा दोहराएं...