अनमोल वचन
उन्हें स्वामिभक्त न समझ जो तेरी हर कथनी व करनी की प्रशंसा करे ,अपितु उन्हें जो तेरे दोषों की मृदुल आलोचना करे --------------सुकरात प्रकाश जब क्षीण हो जाता है ,तभी अद्भुत का प्रादुर्भाव होता है रवींद्र नाथ ठाकुर हर वर्ष एक बुरी आदत को जड़ से खोदकर फेंका जाए तो कुछ काल में बुरे से बुरा व्यक्ति भला हो सकता है ...